The best Side of Shodashi
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॥ अथ श्रीत्रिपुरसुन्दरीचक्रराज स्तोत्रं ॥
इस सृष्टि का आधारभूत क्या है और किसमें इसका लय होता है? किस उपाय से यह सामान्य मानव इस संसार रूपी सागर में अपनी इच्छाओं को कामनाओं को पूर्ण कर सकता है?
ध्यानाद्यैरष्टभिश्च प्रशमितकलुषा योगिनः पर्णभक्षाः ।
संहर्त्री सर्वभासां विलयनसमये स्वात्मनि स्वप्रकाशा
After 11 rosaries on the primary working day of starting with the Mantra, you are able to bring down the chanting to one rosary daily and chant 11 rosaries about the 11th day, on the final day of your respective chanting.
नौमीकाराक्षरोद्धारां सारात्सारां परात्पराम् ।
She could be the in the shape of Tri electrical power of evolution, grooming and destruction. Whole universe is modifying beneath her power and destroys in cataclysm and yet again get rebirth (Shodashi Mahavidya). By accomplishment of her I received this location and for this reason adoration of her is the best one particular.
ब्रह्माण्डादिकटाहान्तं जगदद्यापि दृश्यते ॥६॥
The Shodashi Mantra is really a 28 letter Mantra and so, it is among the easiest and easiest Mantras for you to recite, bear in mind and chant.
Her beauty is actually a gateway to spiritual awakening, building her an item of meditation website and veneration for people seeking to transcend worldly desires.
यह देवी अत्यंत सुन्दर रूप वाली सोलह वर्षीय युवती के रूप में विद्यमान हैं। जो तीनों लोकों (स्वर्ग, पाताल तथा पृथ्वी) में सर्वाधिक सुन्दर, मनोहर, चिर यौवन वाली हैं। जो आज भी यौवनावस्था धारण किये हुए है, तथा सोलह कला से पूर्ण सम्पन्न है। सोलह अंक जोकि पूर्णतः का प्रतीक है। सोलह की संख्या में प्रत्येक तत्व पूर्ण माना जाता हैं।
कालहृल्लोहलोल्लोहकलानाशनकारिणीम् ॥२॥
इसके अलावा त्रिपुरसुंदरी देवी अपने नाना रूपों में भारत के विभिन्न प्रान्तों में पूजी जाती हैं। वाराणसी में राज-राजेश्वरी मंदिर विद्यमान हैं, जहाँ देवी राज राजेश्वरी(तीनों लोकों की रानी) के रूप में पूजी जाती हैं। कामाक्षी स्वरूप में देवी तमिलनाडु के कांचीपुरम में पूजी जाती हैं। मीनाक्षी स्वरूप में देवी का विशाल भव्य मंदिर तमिलनाडु के मदुरै में हैं। बंगाल के हुगली जिले में बाँसबेरिया नामक स्थान में देवी हंशेश्वरी षोडशी (षोडशी महाविद्या) नाम से पूजित हैं।
यदक्षरशशिज्योत्स्नामण्डितं भुवनत्रयम् ।